वाहन उद्योग मे पेट्रोलियम ईंधन के विकल्प या ऑप्शन

वाहन उद्योग मे पेट्रोलियम ईंधन के उपयोग को कम करने के उद्येश्य से विभिन्न कॉम्पनियों ने कई  तरीके / तकनीक अपनाए है । पर उपलपद्धता एवं कीमत के अनुसार कुछ तकनीक प्रचलित हो पाई और कुछ नहीं । उनमे से कुछ का उल्लेख नीचे किया गया।

इलेक्ट्रिक वाहन (EV): इस तकनीक मे बिजली से चलाने वाली मोटर तथा मोटर को चलाने के लिए बैटरी उपयोग मे ली जाती है । बैटरी घर कि बिजली या चार्जिंग स्टेशन पर चार्ज कि जा सकती है। इलेक्ट्रिक वाहन मे कोई भी पेट्रोलियम ईंधन का उपयोग नहीं किया जाता । ये सबसे सस्ता एवं प्रचलित तकनीक है।

हाइब्रिड वाहन (HV) : वाहन जिसमे पेट्रोलियम और इलेक्ट्रिक दोनों इंजन का उपयोग कर ईंधन कुशल (fuel efficient) वाहन बनाई जाती है । इसमे बहुत कम ईंधन मे ज्यादा उत्पादकता पाई जाती है। ऐसे वाहन मे बैटरी स्वयं ही चार्ज होती रहती है, रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग के द्वारा एवं जब वाहन पेट्रोलियम ईंधन पर चल रही हो।  (through re-generative breaking and while vehicle running on petroleum fuel ) , अर्थात वाहन के बैटरी को बार-बार चार्ज नहीं करना पड़ता है। ये तकनीक कुछ बड़ी कम्पनीयों के पास है, और महंगी भी होती है।   

हाइड्रोजन ईंधन इलेक्ट्रिकवाहन (HFEV) : ऐसे वाहनों मे एक हाइड्रोजन सेल के उपयोग से बिजली बनाई जाती है और उसी बिजली और इलेक्ट्रिक मोटर से वाहन चलाई जाती है। इस प्रकार के वाहन मे मोटर के लाइ बैटरी नहीं होती और ईंधन के तौर पर हाइड्रोजन गैस कीलेन्डरों मे भरा जाता है । ऐसे वाहन के लिए हाइड्रोजन स्टेशन कि जरूरत होती है एवं सबसे महंगी तकनीक है ।

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